तेरी चाहत में हो गई बवरिया
जमुना किनारे जल भरने के बहाने
गई श्याम आओगे गउवा चराने
बेख़याली में डूबी गगरिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।
थिरकने लगे पांव मुरलीधर की धुन पे
कैसै ना झूमूँ मधुर तान सुनके
बेशरम छन से टूटी पयलिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।
कहाँ जा छुपे हो नटखट कन्हैया
नगर-डगर ढूंढ़े है यशोमती मैया
कितनी बेचैन ब्रज की गुजरिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।
तुम्हारी कसम अब ना चुगली करेंगे
माखन मलैया भरि मटकी रखेंगे
जरा फिर से बजा दो बंसुरिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।
शैल सिंह
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