मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

श्याम भजन

कैसा जादू है तुझमें सांवरिया
तेरी चाहत में हो गई बवरिया 

जमुना किनारे जल भरने के बहाने
गई श्याम आओगे गउवा चराने 
बेख़याली में डूबी गगरिया 
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।

थिरकने लगे पांव मुरलीधर की धुन पे
कैसै ना झूमूँ मधुर तान सुनके
बेशरम छन से टूटी पयलिया 
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।

कहाँ जा छुपे हो नटखट कन्हैया
नगर-डगर ढूंढ़े है यशोमती मैया
कितनी बेचैन ब्रज की गुजरिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।

तुम्हारी कसम अब ना चुगली करेंगे
माखन मलैया भरि मटकी रखेंगे 
जरा फिर से बजा दो बंसुरिया
मैं तो हो गई बवरिया,कैसा जादू है ---।

शैल सिंह 

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