फोड़ दी मटकी खा गयो माखन बड़ा कियो रे परेशान
छिपा है कहाँ बता शैतान --2
जमुना किनारे वंशी बजाना बैठ कदम की डरियन पे
गउवा चराना निरा बहाना चीर चुराना छोरियन के
सब सखियाँ मनुहार करें बड़ा कियो रे हैरान
छिपा है कहाँ बता शैतान --2
नन्दलाल तेरो बड़ा उत्पाती रार करे ब्रज गलियन में
ग्वाल बाल संग शोख शरारत रास रचावे गोपियन में
कैसी-कैसी लीला ठग की तूं बड़ी बनो रे अनजान
छिपा है कहाँ बता शैतान --2
पकड़ गई चितचोर की चोरी मुख माखन लिपटा दधियन से
कान पकड़ कान्हा भरमाते आँसू भरि-भरि अँखियन से
मैं बालक बहियन को छोटो बड़ा बनो रे नादान
छिपा है कहाँ बता शैतान --2
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