मंगलवार, 6 दिसंबर 2022

बिन तेरे ओ सजना

बिन तेरे ओ सजना मेरा फीका चूड़ी कंगना
बिन तेरे ओ बलमा मेरा सूना घर ये अंगना
भला कैसे सावन का मजा आयेगा रब्बा
कोई तो बता दे आके कोई समझा दे ,रब्बा --- 

पल-पल तेरी याद सताये अधरों पे बस पिया-पिया
पपिहा पी पी बोले ,कुहुके कोयल बगिया
सारी-सारी रातें जागूँ नींद ना आये अँखिया
पगली कहते लोग मुझे बावली हो गई छलिया

बिन तेरे ओ सजना डंसती काली रैना
बिन तेरे ओ बलमा भाये ना कजरा नैना
भला कैसे सावन का मजा आयेगा रब्बा
कोई तो बता दे आके कोई समझा दे ,रब्बा --- 

सास ससुर की बोली लगे कलेजे गोली
ननद छिछोरी ना जाने कब जायेगी डोली
डर के मारे भागती छिपती देवरा करे ठिठोली
पकड़ कलाई छेड़े हरदम पाके मुझे अकेली 

बिन तेरे ओ सजना कैसा सिंगार औ गहना
बिन तेरे ओ बलमा इस घर मैं कैसे रहना
भला कैसे सावन का मजा आयेगा रब्बा
कोई तो बता दे आके कोई समझा दे ,रब्बा --- 



कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें