ले लो ना खबरिया स्वामी ले लो ना खबरिया ,
गायें,गलियां,गोपी,ग्वाले पूछें हाल तेरा
बेहाल ब्रज के वासी बेचैन हाल मेरा
सूना जमुना तट सूनी कदम छांव डरिया
ले लो ना खबरिया स्वामी ले लो ना खबरिया ,
बोले ना कलाई कंगना बोले ना पैंजणियां
तुम बिन जमुना सूखी कैसे भरूँ पनियां
कांहे बरसाये नेहा बजाये क्यों बंसुरिया
ले लो ना खबरिया स्वामी ले लो ना खबरिया ,
कांहे हँसी प्रीत मोसे लगाये मन मोहना
कुञ्ज संवरिया देखि राधा का भूले अंगना
रोती हैं गुजरिया सारी राधा भई है बावरिया
ले लो ना खबरिया स्वामी ले लो ना खबरिया ।
शैल सिंह
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