गुरुवार, 8 दिसंबर 2022

भजन " बनाओ ना बावरिया "

जमुना से गगरिया भर लाने दो -2
जमुना से गगरिया भर लाने दो श्याम
रोको ना डगरिया घर जाने दो रोको ----।

सांझ ढल आयी घिर आयी बदरिया
रात अँधेरी चमके चम-चम बिजुरिया 
छोड़ो ना कलईया,छोड़ो ना कलईया,घर जाने दो रोको --।

कारन तोरे संग छोड़ी सब गुजरिया
राह निरखती होगी मैया की नजरिया 
छोड़ो ना कन्हैया,छोड़ो ना कन्हैया घर जाने दो ---।

कोरी चुनरिया मोरी बारी उमरिया 
लागे डर अकेली कैसे जाऊँ घर संवरिया
पड़ूं तोरे पईंया,पड़ूं तोरे पईंया घर जाने दो ---।

जादू भरी अंखिया मन मोहरी बंसुरिया 
करो ना विवश मोहे बनाओ ना बावरिया 
होगी बदनामी सैंया,होगी बदनामी घर जाने दो---।

शैल सिंह 






कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें