शुक्रवार, 14 अक्तूबर 2016

शिव भजन

भगवान तुम्हारे चरणों में
हम शीश झुकाने आये हैं
दर्शन की प्यासी आँखों को  
तेरा दरश कराने लाये हैं
भगवान तुम्हारे  ........।

इक बार पलट के तो देख इधर
दोनों कर जोड़े खड़ी शिव तेरे दर
अपने जीवन की करुण कथा
प्रभु मन की व्यथा सुनाने आये है
भगवान तुम्हारे  ........।

क्या तुझे तेरा करूँ अर्पण
सब कुछ तेरा प्रभु कण-कण
सच्ची श्रद्धा शुचि भावों की थाली
पग दो नयन पखारने लाये हैं
भगवान तुम्हारे  ........।

दुःख दर्द सारे हर लो मेरा
अपनी कृपा भरो झोली मेरा
पीर,वेदना की घृत बाती
करुणा का दीप जलाने आये हैं
भगवान तुम्हारे  ........।

मनचाहा कुछ दिया नहीं
ओ भाग्य विधाता गिला यही
दीन,दशा,संताप का नैवेद्य
टूटे सपनों का पुष्प चढा़ने लाये हैं
भगवान तुम्हारे  ......। 
                                           

                            शैल सिंह

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