'' सावन आईल '
सावन आईल आजा साजन
बूंदिया भिजावे बरसात की
झीनी-झीनी झिंसिया के
नीमन लागे फुहरा
देहिया जरावे बरसात की ,
सावन आईल …।
मनवा उछाह भरे कऊँधे बिजुरिया
देखि घनघोर घटा उठेला लहरिया
मारेला झकोरा पूरवा
उडा के मोरा अंचरा
आग भड़कावे मोरे प्यास की ,
सावन आईल ....|
जोगन बनावे जोगी पपीहा की बोलिया
कुहुके करेजा बागां बोले जब कोइलिया
मनवा के अंगना उतरे
चाँद सी सुरतिया
सेज धधकावे आधी रात की ,
सावन आईल …।
सोनवा मढ़इबों चोंच तोर कारे कगवा
दूध भात देबों कागा सोने के कटोरवा
तबहूँ ना उड़ि बईठे
कगवा मुड़ेरवा
मरम ना जाने दिल के बात की ,
सावन आईल…।
सँझिया-विहाने राह ताके बऊरहिया
कवना कसूर तजि दिये निरमोहिया
जेठवा,आषाढ़ जईसे
बीते ना सवनवां
पिया बतिया ना बुझे ऐहवात की ,
सावन आईल ....।
ऐहवात---सुहागन
शैल सिंह
सावन आईल आजा साजन
बूंदिया भिजावे बरसात की
झीनी-झीनी झिंसिया के
नीमन लागे फुहरा
देहिया जरावे बरसात की ,
सावन आईल …।
मनवा उछाह भरे कऊँधे बिजुरिया
देखि घनघोर घटा उठेला लहरिया
मारेला झकोरा पूरवा
उडा के मोरा अंचरा
आग भड़कावे मोरे प्यास की ,
सावन आईल ....|
जोगन बनावे जोगी पपीहा की बोलिया
कुहुके करेजा बागां बोले जब कोइलिया
मनवा के अंगना उतरे
चाँद सी सुरतिया
सेज धधकावे आधी रात की ,
सावन आईल …।
सोनवा मढ़इबों चोंच तोर कारे कगवा
दूध भात देबों कागा सोने के कटोरवा
तबहूँ ना उड़ि बईठे
कगवा मुड़ेरवा
मरम ना जाने दिल के बात की ,
सावन आईल…।
सँझिया-विहाने राह ताके बऊरहिया
कवना कसूर तजि दिये निरमोहिया
जेठवा,आषाढ़ जईसे
बीते ना सवनवां
पिया बतिया ना बुझे ऐहवात की ,
सावन आईल ....।
ऐहवात---सुहागन
शैल सिंह
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