शुक्रवार, 10 जून 2022

पाकिस्तान की गुस्ताख़ी पर गाना

मानें नाहीं कहना पाकिस्तानी तो
सुनो हिंदुस्तानी विरना
मिटा दो इनकी नामो निशानी
देनी हो जो क़ुरबानी विरना ,

कितनी बार समझाया नहीं समझे बात ये
बार-बार करता ख़ुराफ़ात बदजात ये 
अब तो हो रहा सर से ऊपर पानी 
ऐसी करो कारस्तानी विरना
कि इनके पुरखे भी आके मांगें पानी
देनी हो जो क़ुरबानी विरना ,

मानें नाहीं कहना पाकिस्तानी तो
सुनो हिंदुस्तानी विरना
मिटा दो इनकी नामो निशानी
देनी हो जो क़ुरबानी विरना ,

जबसे मिला है जग में हिन्द को पहचान हो
तब से हुआ है पापी देखो परेशान हो
करे मिल के चीन संग शैतानी तो
बता दो होता कैसा दुश्मन जानी विरना
तुझे शेरों होगी औक़ात दिखानी
देनी हो जो क़ुरबानी विरना ,

मानें नाहीं कहना पाकिस्तानी तो
सुनो हिंदुस्तानी विरना
मिटा दो इनकी नामो निशानी
देनी हो जो क़ुरबानी विरना ।

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