शनिवार, 19 सितंबर 2015

कृष्ण भजन

                                         '' कृष्ण  भजन '' 


मैया बड़ा करे परेशान तेरो कान्हा रगरी 
पूछ ले देखे है करतूतें सारी गोकुल नगरी 

जब जमुना जल भरने जाऊँ काँख में दाब गगरिया 
बीच राह धरि बँहिया छेड़े नटखट तेरो सँवरिया 
करे डगर बीच रगरा मोसे बहुत करे बरजोरी 
तेरो कान्हा रगरी ,मैया बड़ा। .......| 

बाल-गोपाल संग खान-बेखान की लीला करे सँवरिया 
रंग-बिरंग का भेष बना करे जादू बजा बंसुरिया 
मनिहारी बन ठग लियो मोको दियो नरम कलाई मरोरी 
तेरो कान्हा रगरी ,मैया बड़ा। ....| 

सब गोपियन की चीर चुरा छुप बइठे कदम की डरिया 
जगहंसाई बड़ी होगी मुरारी करें मनुहार गुजरिया 
रार करे ना माने कहना सुने ना कोई चिरौरी 
तेरो कान्हा रगरी , मैया बड़ा। …। 

मटकी फोड़े शिकहर तोड़े खाए माखन मलैया 
भरि-भरि मुख लिपटायो माखन फिर भी देवे दुहईया 
तेरो चितचोर बड़ा उत्पाती करे है घर-घर चोरी 
तेरो कान्हा रगरी ,मैया बड़ा। …। 

                                  शैल सिंह 

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